पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति ने लिया चुनाव में नोटा बटन प्रयोग का निर्णय

जिला पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति, सिमडेगाकी बैठक रविवार को अध्यक्ष अरविंद कुमार के अध्यक्षता में संपन्न हुई।बैठक में पिछड़ी जाति का दशा एवं दिशा तथा लोकसभा चुनाव 2024 के विषय में विचार विमर्श किया गया। अविभाजित बिहार में पिछड़ी जाति के लोगों को सरकारी नौकरी में  जिला एवं राज्य में 27 प्रतिशत आरक्षण मिलता था, लेकिन झारखंड बनने के बाद सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, खूंटी, लातेहार, चाईबासा एवं दुमका जिले को वर्ष 2002 में पिछड़ी जाति के आरक्षण को शून्य कर दिया गया वर्तमान में पिछड़ी जाति के लोगों का सरकारी नौकरी चपरासी में भी नहीं लगेगा।

अविभाजित बिहार में हमारा आदमी मुखिया, प्रमुख, नगर परिषद का अध्यक्ष, जिला परिषद का अध्यक्ष एवं नगर निगम का मेयर बनते थे, लेकिन झारखंड बनने के बाद वर्ष 2001 में उपरोक्त सभी पदों को आदिवासी के लिए आरक्षित कर दिया गया।इस तरह झारखंड बनने के बाद पिछड़ी जाति के नाम पर आरक्षण सिर्फ और सिर्फ हवा और पानी बचा है। हमलोग दोयम दर्जे का नागरिक बनकर जीने को विवश हैं। हमारी समस्या, सिर्फ समस्या बन कर रह गई है। इसकी लड़ाई वर्षों से हमलोग झारखंड सरकार एवं केंद्र सरकार से लड़ते आ रहे हैं लेकिन कोई सरकार सुन ही नहीं रही है। फिर भी हमलोग लगातार झारखंड सरकार एवं केंद्र सरकार को वोट दे कर जिताते आ रहे हैं। इसलिए बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया है कि समाज हित में वर्तमान लोकसभा चुनाव 2024 में पिछड़ी जाति NOTA बटन में वोट देगी। बैठक में रामकिशुन प्रसाद केसरी, अशोक गुप्ता, दीपक प्रसाद, धीरेंद्र प्रसाद, बसंत प्रसाद, राम कैलाश राम, रंथु साहू, तुलसी साहू, रवि वर्मा, कैलाश साहू, पुरुषोत्तम साहू, अजीत कुमार साहू, कृष्णा साहू, पूना साहू, जगरनाथ साहू, गौतम कुमार साहू, राम साहू, संजय साहू, गुलाब साहू, सीता देवी, तुलसी देवी, दमयंती देवी, सुकरवती देवी, रूपम देवी आदि उपस्थित थे।

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